शनिवार, 31 जनवरी 2009


बसंतोत्सव की ढेरों शुभकामनायें
बसंत ने दे दी अब दस्तक ।
धरती ने भी ली अंगडाई॥
शोख अदा देखो ऋतु की ।
कुछ अलसाई कुछ प्रेम की धुन सी ॥
बसंत के आगमन को तो अब आपने भी महशूस कर लिया होगा। सुकोमल डालियों पर लहलहाते सरसों के पीले फूल , अलसी के नीले फूल और पलास के मदमाते सफ़ेद पुष्पों ने प्रकृति को एक नया यौवन दे दिया। वही एक और पेडो से झड़ते पत्ते ऐसे प्रतीत हो रहे है मानो वे प्रकृति को नए श्रृंगार के लिए तैयार कर रहे हो। पेडो मै बौर आने पर ये श्रृंगार कितना मन मोहक लगता है ये तो आपने भी महशूस किया होगा । ये ऋतु है ही कुछ ऐसी जो हर किसी को कुछ अनछुए पलो से आनन्दित कर देती है।
आज मम्मी से बसंत पंचमी के बारे मै बात कर रही थी तो उन्होंने बताया कि पहले आज ही के दिन बच्चें से सरस्वती पूजन करा पट्टी का पूजन कराया जाता था। और उनकी शिक्षा प्रारंभ होती थी। लेकिन वर्त्तमान मै तो ये सब संस्कार ख़त्म हो चुके है।

11 टिप्‍पणियां:

  1. आप पत्रकारिता से जुड़ी है तो माँ सरस्वती की वंदना ही आपकी शक्ति है ।इश्वर आपको नई उचाइओं पर ले जाए ।

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  2. बहुत सुंदर…आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  3. आपके शब्द वैचारिक मंथन के लिए प्रेरित करते हैं । भाव और विचार की अच्छी प्रस्तुति तथा भाषा की जनपक्षधरता आपके लेखन को प्रखरता प्रदान कर रहे हैं । अच्छा लिखा है आपने ।

    मैने अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है-आत्मविश्वास के सहारे जीतें जिंदगी की जंग-समय हो तो इसे पढ़ें और कमेंट भी दें-

    http://www.ashokvichar.blogspot.com

    for the student of masscom-

    http://www.hindimasscom.blogspot.com

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  4. माँ सरस्वती की आराधना करती ये पोस्ट........अच्छी है.........वीणावादिनी देवी माँ सबका मार्गदर्शन करें.........!!

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  5. बसंत ने दे दी अब दस्तक ।
    धरती ने भी ली अंगडाई॥
    शोख अदा देखो ऋतु की ।
    कुछ अलसाई कुछ प्रेम की धुन सी ॥

    बहूत सुंदर अभिव्यक्ति है......
    बसंत पंचमी की आप को भी बधाई

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  6. niharika ji aap patrakarita se judi kripya mere blog ke lie koi achhi si kahani bhejie.

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  7. aapko bhi badhai.....likhte raho...mere blog par bhi padharen....

    Jai Ho Magalmay Ho

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  8. vaah niharika chejo ko dekhne ki kala bahut achchhi hai,,, tum bahut aage jaogi

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  9. basant per aap ki kavita vakai tarife kabil hai..aap ko pata hai jab me kisi hindustani ladki ko dekhta hun to sochta hun bechari!...humare samaj ne unki bhoomika bahut chooti ker di hai. lekin aaj aap ko padh ker esa laga me galat hun..samajik badlav me mahilaye bhi sakriy bhoomika nibha sakti hai...es baar hum basant nahi mana sake....aap ne fir yaad dila diya...

    chandrapal

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